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  • Mar 15, 2021

Updated: Jul 15, 2021

ऐ मुसाफ़िर चले चल,

साँसों को बहने दे लम्हों पर,

ऐ मुसाफ़िर चले चल,

मंज़िल का तुझे अब क्या डर।

- तरुण





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​तरुण

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